फिलिस्तीनियों, गाजा और इजरायल का इतिहास जटिल, बहुआयामी है और हजारों वर्षों तक फैला हुआ है। नीचे एक विस्तृत अवलोकन दिया गया है, जिसे स्पष्टता के लिए ऐतिहासिक अवधियों में विभाजित किया गया है:

📜 1. प्राचीन इतिहास और बाइबिल काल

कनानी काल (लगभग 3000-1200 ईसा पूर्व)

वह भूमि जिसमें अब इज़राइल, पश्चिमी तट और गाजा शामिल हैं, वहां विभिन्न कनानी जनजातियाँ निवास करती थीं।

गाजा एक प्रमुख फिलिस्तीन शहर था, जो मिस्र और लेवंत के बीच व्यापार मार्ग पर रणनीतिक रूप से स्थित था।

इस्राएली साम्राज्य (लगभग 1000-586 ई.पू.)

हिब्रू बाइबिल के अनुसार, प्राचीन इसराइल और यहूदा की स्थापना इसराइलियों द्वारा की गई थी।

राजा दाऊद ने यरूशलेम को राजधानी बनाया; उनके पुत्र सुलैमान ने प्रथम मंदिर का निर्माण कराया।

बेबीलोनियन और फ़ारसी काल (586-332 ईसा पूर्व)

586 ईसा पूर्व में, बेबीलोनियों ने प्रथम मंदिर को नष्ट कर दिया और कई यहूदियों को निर्वासित कर दिया।

फारसियों ने बेबीलोन पर विजय प्राप्त की और यहूदियों को वापस लौटने तथा मंदिर का पुनर्निर्माण करने की अनुमति दी (द्वितीय मंदिर काल की शुरुआत)।

🏛️ 2. हेलेनिस्टिक से रोमन काल (332 ईसा पूर्व - 636 ईसवी)

सिकंदर महान ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की; हेलेनिस्टिक प्रभाव फैल गया।

63 ई.पू. में रोमनों ने नियंत्रण कर लिया; यहूदियों और रोमनों के बीच तनाव के कारण विद्रोह हुए।

70 ई. में, रोमनों ने यहूदी विद्रोह के दौरान द्वितीय मंदिर को नष्ट कर दिया।

135 ई. में, बार कोखबा विद्रोह के बाद, यहूदियों को येरुशलम से निष्कासित कर दिया गया; यहूदी पहचान को न्यूनतम करने के लिए रोमनों ने इस क्षेत्र का नाम बदलकर फिलिस्तीन रख दिया।

🕌 3. इस्लामी और क्रूसेडर काल (636-1517)

प्रारंभिक इस्लामी शासन

अरब मुसलमानों ने 636-640 ई. में इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की।

यह क्षेत्र लगातार इस्लामी साम्राज्यों का हिस्सा बना: उमय्यद, अब्बासिद और फ़ातिमी।

यरूशलेम और गाजा महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बन गए।

क्रूसेडर काल (1099–1291)

यूरोपीय क्रूसेडरों ने कुछ समय के लिए यरुशलम साम्राज्य की स्थापना की थी।

सलादीन सहित मुस्लिम सेनाओं ने अंततः भूमि पर पुनः अधिकार कर लिया।

मामलुक और ओटोमन शासन

1250 से 1517 तक इस क्षेत्र पर मामलुकों का नियंत्रण रहा।

ओटोमन साम्राज्य ने 1517 में सत्ता संभाली और प्रथम विश्व युद्ध (1917) तक शासन किया।

🏳️‍🌈 4. ब्रिटिश शासनादेश काल (1917-1948)

प्रथम विश्व युद्ध के बाद, ब्रिटिशों ने राष्ट्र संघ की अधिदेश प्रणाली के तहत नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया।

बाल्फोर घोषणा (1917): ब्रिटेन ने फिलिस्तीन में “यहूदी लोगों के लिए राष्ट्रीय घर” का समर्थन किया।

अरब और यहूदी समुदाय दोनों ब्रिटिश शासन के तहत विकसित हुए और आपस में टकराये।

तनाव हिंसा में बदल गया (1936-1939 में अरब विद्रोह; 1940 के दशक में यहूदी विद्रोह)।

🇮🇱 5. इजरायल का निर्माण और प्रथम अरब-इजरायल युद्ध (1948)

विभाजन योजना (1947)

फिलिस्तीन को यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव; जेरूसलम का अंतर्राष्ट्रीयकरण किया जाएगा।

यहूदियों ने स्वीकार किया; अरबों ने अस्वीकार किया।

1948 युद्ध

इजराइल ने स्वतंत्रता की घोषणा की (14 मई, 1948)।

पांच अरब देशों ने आक्रमण किया; इजरायल बच गया और उसने अपने क्षेत्र का विस्तार किया।

नक्बा (आपदा): 700,000 से अधिक फिलिस्तीनी भाग गए या उन्हें निष्कासित कर दिया गया।

गाजा मिस्र के नियंत्रण में आ गया; पश्चिमी तट जॉर्डन के नियंत्रण में आ गया।

⚔️ 6. युद्ध और कब्ज़ा (1949-1993)

प्रमुख युद्ध

1956 स्वेज संकट - इजरायल ने कुछ समय के लिए सिनाई और गाजा पर कब्जा कर लिया।

1967 छह दिवसीय युद्ध - इज़राइल ने गाजा, वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम, सिनाई और गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया।

1973 योम किप्पुर युद्ध – मिस्र और सीरिया ने अचानक हमला किया; इजरायल ने क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।

व्यवसाय एवं बस्तियाँ

इज़रायल ने गाजा और पश्चिमी तट में बस्तियाँ बनाना शुरू कर दिया।

फ़िलिस्तीनी लोग कब्जे वाले क्षेत्रों में इज़रायली सैन्य शासन के अधीन रहते थे।

पीएलओ और प्रतिरोध

1964 में यासर अराफात के नेतृत्व में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) का गठन किया गया।

पीएलओ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनियों के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता मिली।

गुरिल्ला और आतंकवादी रणनीति ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया, लेकिन व्यापक विवाद भी उत्पन्न हुआ।

✌️ 7. शांति प्रक्रिया और ओस्लो समझौता (1993-2000)

ओस्लो समझौता (1993-1995):

इजराइल और पीएलओ के बीच पहली पारस्परिक मान्यता।

सीमित स्वशासन के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) की स्थापना की।

गाजा और पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों को पीए को सौंप दिया गया।

अनसुलझे प्रमुख मुद्दे:

अंतिम सीमाएं

यरूशलेम की स्थिति

फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए वापसी का अधिकार

इज़रायली बस्तियाँ

🔥 8. दूसरा इंतिफादा और हमास का उदय (2000-2007)

दूसरा इंतिफादा (2000-2005)

एरियल शेरोन की टेम्पल माउंट/अल-अक्सा यात्रा से प्रेरित।

इसके परिणामस्वरूप व्यापक हिंसा, आत्मघाती बम विस्फोट और इज़रायली सैन्य प्रतिक्रियाएँ हुईं।

दोनों पक्षों में भारी क्षति हुई।

गाजा से इजरायल की वापसी (2005)

इजराइल ने एकतरफा ढंग से गाजा से वापसी कर ली तथा सभी बस्तियां हटा दीं।

हमास को इजरायल का विरोध करने के कारण लोकप्रियता मिली।

2006 चुनाव और विभाजन

हमास ने फिलिस्तीनी संसदीय चुनाव जीता।

फतह (पश्चिमी तट में पीए के नेतृत्व में) और हमास के बीच संघर्ष हुआ।

2007: हमास ने गाजा पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया; फतह ने पश्चिमी तट पर नियंत्रण बरकरार रखा।

🚨 9. गाजा युद्ध और नाकाबंदी (2008-2023)

आवर्ती युद्ध

2008-09, 2012, 2014, 2021 में हुए प्रमुख युद्ध और बीच में हुई वृद्धि।

हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए, गाजा में व्यापक विनाश हुआ।

इजराइल ने आत्मरक्षा का हवाला दिया; हमास ने इजराइली शहरों पर रॉकेट दागे।

गाजा नाकाबंदी

हमास के कब्जे के बाद इजरायल और मिस्र द्वारा लगाया गया।

गंभीर मानवीय प्रभाव: बिजली, पानी, चिकित्सा आपूर्ति की कमी।

🕊️ 10. हाल की घटनाएँ और 2023–2025 का युद्ध

2023 हमास हमला और इजरायली आक्रमण

7 अक्टूबर, 2023: हमास ने दक्षिणी इज़राइल पर अभूतपूर्व हमला किया, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और कई बंधक बनाए गए।

इजराइल ने गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप:

हजारों फिलिस्तीनी मौतें (गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार)।

सम्पूर्ण पड़ोस नष्ट हो गया।

वैश्विक आक्रोश और मानवीय संकट।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

देश विभाजित हैं: कुछ लोग इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं; अन्य देश इसके मानवीय प्रभाव की निंदा करते हैं तथा युद्धविराम की मांग करते हैं।

कथित युद्ध अपराध और नरसंहार के संबंध में आईसीसी और आईसीजे में मामले दर्ज किए गए।

🧩 11. आज के प्रमुख मुद्दे

द्वि-राज्य समाधान - अंतर्राष्ट्रीय सहमति, लेकिन रुका हुआ।

इज़रायली बस्तियाँ - पश्चिमी तट में विस्तार जारी है।

यरुशलम - इजरायल और फिलिस्तीन दोनों इसे अपनी राजधानी मानते हैं।

शरणार्थी - 5 मिलियन से अधिक पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थी।

गाजा - मानवीय संकट; हमास और फतह के बीच राजनीतिक गतिरोध।

शांति प्रयास - मिस्र, कतर, अमेरिका और अन्य द्वारा जारी मध्यस्थता।

🌍 12. जनसांख्यिकी और पहचान

फ़िलिस्तीनी:

जातीय रूप से अरब, मुख्यतः मुस्लिम (सुन्नी), तथा ईसाई अल्पसंख्यक।

राष्ट्रीय आकांक्षाओं वाले एक विशिष्ट लोगों के रूप में अपनी पहचान बनाना।

विश्व स्तर पर 14 मिलियन से अधिक (लगभग आधे प्रवासी)।

इजरायली:

विविध जनसंख्या: यहूदी (अश्केनाज़ी, सेपहार्डी, मिज़राही पृष्ठभूमि से), अरब नागरिक, ड्रूज़, अन्य।

इजराइल एक यहूदी राज्य है, लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण अरब अल्पसंख्यक (लगभग 20%) भी रहता है।